Tuesday, January 4, 2022

करोना काल और भारत एवं वैक्सीनेशन 100 करोड़

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 करोना काल और भारत एवं वैक्सीनेशन 100 करोड़                          .                                                             https://sites.google.com/view/vank-international-store/home


                                                                                                              विश्व 2022 के स्वागत की ओर बढ़ रहा है।  लेकिन अब हम 2019, 2020, और 2021 की बात करें तो हम मानव जाति पर कहर बनकर करोना महामारी का सामना संपूर्ण विश्व ने किया है। करोना जैसी गंभीर महामारी का सामना संपूर्ण विश्व ने किया है। इन 3 सालों में विश्व अर्थव्यवस्था को गंभीर आर्थिक चोट पहुंचाई है । विकसित और विकासशील देश की मानव एवं आर्थिक पूंजी का लगभग सर्वनाश इस महामारी ने कर दिया है । यह 3 साल और आने वाला समय इस शताब्दी का ऐसा समय है । जो कोई भी देश और उनके नागरिक भूलना नहीं चाहेंगे । इस समय में विश्व के सभी देश मिलकर एक दूसरे का साथ दे रहे हैं । और शायद आने वाले सालों में भी देते रहेंगे। ऐसा पहली बार देखा जा रहा है कि पूरे विश्व समुदाय ने मिलकर किसी बीमारी के खिलाफ इस शताब्दी में एक साथ मिलकर एक दूसरे का सहयोग करके लड़ने का प्रण बना लिया  है।                                                                             https://www.bluehost.com/track/kkvank2021/                                                                                      इस महामारी से  लड़ने के लिए मानव सभ्यता को बचाने के लिए बहुत से देशों ने वैक्सीन का निर्माण कर लिया है।  जिसमें भारत भी एक है। भारत देश के सामने सभी लोगों को वैक्सीन का टीका लगवाने की भारत सरकार के पास एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी थी। लेकिन भारत सरकार ने इस एक चैलेंज की तरह लिया है। सरकारी कर्मचारियों और प्रशासन की मदद से तथा जागरूकता मिशन से भारत सरकार ने 2021 को ही एक बहुत ही बड़े मिशन एक अरब लोगों अर्थात 100 करोड़ लोगों को टीकाकरण करके एक कीर्तिमान स्थापित किया । अनेकता में एकता के देश में ऐसा कीर्तिमान पूरे शताब्दी में शायद ही किसी देश में देखने को मिला होगा। लोगों के अंदर जागरूकता तथा सकारात्मकता इसका प्रमुख कारण है । लोगों ने बीमारी की गंभीरता को समझा और जल्द से जल्द इसे खत्म करना चाहते हैं । क्योंकि इसने लोगों की हर तरफ से आर्थिक रूप से परेशान कर रखा है ।                                         आर्थिक ,सामाजिक, शिक्षा,राजनीतिक, इत्यादि हर तरफ से देश और देश और लोगों की कमर तोड़ कर रख दी है। कितने ही सारे देश और लोग तो आर्थिक गुलाम बना लिए गए हैं और बनते ही जा रहे हैं ।                                                          कोरोना महामारी ने लॉकडाउन नामक एक नई अर्थव्यवस्था कायम कर दी है। प्रशासन के पास लॉकडाउन और टीकाकरण ही एक अभी एकमात्र विकल्प है। इस महामारी से लड़ने के लिए और इसके नए नए वेरिएंट आ रहे हैं तो विश्व समुदाय अभी भी इससे काफी भयभीत है ।                                                         2022 में भी यह संभावना बनी हुई है कि उन्हें फिर से  lockdown का  ना उनका सामना तो नहीं करना पड़ेगा क्योंकि इसके नए वेरिएंट नए-नए रूप में आकर मानव सभ्यता को चैलेंज भी दे रहे हैं । और अभी तक इसका कोई ठोस विकल्प हमारे पास मौजूद नहीं है।                             https://upstox.com/open-demat-account/?f=39BNQD&utm_source=refernearn&utm_medium=referral&landing_page=ReferAndEarn                                                                                                   महामारी के बाद पूरी दुनिया में बदलाव आ रहा है । सभी देश अपनी सरकार बचाने और अपने देशों के लोगों को नागरिकों को बचाने की चिंता करने लगे हैं । क्योंकि अभी तक इसका कोई भी निदान विश्व को नहीं मिला है नए नए वेरिएंट ने विश्व समुदाय की नींद हराम कर रखी है । ऐसा लग रहा है कि यह वायरस मानव जाति के साथ-साथ बायोलॉजिकल वार कर  रहा है । और धीरे-धीरे कमजोर विश्व अर्थव्यवस्था को करना चाहता है। ताकि छोटे देश फिर से गुलाम बना लिया जाए ।                                         करोना काल में करोड़ों लोगों को बेरोजगार हो चुके हैं। कल कारखाने बंदी की मार झेल रहे हैं। भारत के प्रमुख नगरों महानगरों से लोगों का पलायन बहुत तेजी से अपने घरों की ओर हुआ है । बहुत ही तकलीफ से पलायन करने को मजबूर हुए हैं और जो भी उन्होंने इन 10 सालों में महानगरों में अपनी पूंजी और व्यवस्था पहचान कायम की थी वह सभी छोड़कर उन्हें फिर वापस अपने घर आने को मजबूर होना पड़ रहा है । और उनके गांव में भी ऐसा कुछ नहीं है जिससे वह अपने आर्थिक जीवन को इस महंगाई में जी सकें यह काफी चैलेंज बल है । आने वाले कल मैं अनेक देशों से  भारतीय विश्व के अनेक देशों से भी भारत में लोगों के आने  का पलायन दिख रहा है।                                                                         अस्पताल कॉलेज स्कूल बाजार दुकान कल कारखाने सभी बर्बाद हो चुके हैं। इन को फिर से खड़ा करने में 10 से 20 साल भारत और एशिया के लगभग छोटे बड़े देशों को लगेंगे ।                                                                                                                         देश के विकास में तथा विश्व के विकास के लिए जरूरी है छोटे-छोटे राज्यों तथा देश के विकास से ही मानव सभ्यता का विकास हो सकता है तथा महामारी से भी विश्व समुदाय को बचाया जा सकता है ।                                                                            https://sites.google.com/view/online-earning-money-vank-/home              विदेश से होने वाले निवेश से छोटे-छोटे राज्य में देशों को आर्थिक गुलाम बनाया जा रहा है ।इसके लिए राज्य में देश की सरकारों को सावधान रहने की जरूरत है। विदेश से होने वाले निवेश में देश नागरिकों को बराबर का हिस्सा मिले जिससे देश के विकास में मदद मिल सके।                                            विकास लोकतंत्र रोजगार देने का राजनीतिक मिशन सभी पार्टियों को देश के विकास के लिए करना चाहिए। आवश्यक निवेश आर्थिक महाशक्ति बनने के लिए भारत को मानव विकास की ओर ध्यान देना चाहिए ।                                    शिक्षा के  आधुनिकीकरण करने की आवश्यकता है । जिससे स्किल डेवलपमेंट विकसित हो सके ज्यादा से ज्यादा शिक्षा रोजगार और स्किल डेवलपमेंट वाली हो जिससे वह पास आउट होने के बाद देश के विकास में अपने उच्च शिक्षा और नॉलेज का फायदा उठा सकें एक ईमानदार सूची एक ईमानदार राष्ट्र का निर्माण कर सकती है ।इसलिए शिक्षा के क्षेत्र में बहुत बड़ा विकास की आवश्यकता है।- इस महामारी के समय में हमारी शिक्षा को काफी क्षति पहुंचाई है ।इसलिए आधुनिक शिक्षा प्रणाली हर गांव के बच्चे तक पहुंचाने की जिम्मेदारी सरकारों की होनी चाहिए और यह आवश्यक रूप से किया जाना चाहिए क्योंकि यह समस्या कितने सालों तक रहेगी इसका कोई निदान शायद अभी नहीं इसलिए आधुनिक शिक्षा को बढ़ावा देना चाहिए तकनीकी शिक्षा पर ज्यादा ज्यादा ध्यान देकर देश को विकसित करने की आवश्यकता है।                                                                                                          किशोर कुमार 


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