आस्था का महापर्व छठ . आज रात 3:00 बजे से ही घाट पर काफी चहल-पहल मौजूद है । सभी लोग धीरे-धीरे अपने डाला और दौड़ा तथा शपूजन सामग्रियों को लेकर घाट पर पहुंच रहे हैं ।युवाओं की टोली तालाब और नदी के पास मौजूद है । सभी लोग बड़े बड़े बड़े उत्साह से घाट की ओर अपने घरों से आ रहे हैं । सभी को सूर्योदय का इंतजार है । सभी सूर्य से पहले ही घाट पर पहुंचकर उगते हुए सूर्य का आज दर्शन करना चाहते हैं । और सूर्य की पूजा अर्चना करके व्रत करने वाले सभी छठ मैया से अपने कुल और वंश की रक्षा परिवार की सुख समृद्धि और शुभ मंगल कामना का वरदान चाहते हैं ।
हमारी Vank family सूर्योदय से पहले घाट पर पहुंच गई है ।सूर्योदय का इंतजार किया किया जा रहा है। ठंडी- ठंडी हवा बह रही है लेकिन आनंददाई लग रही है। सुबह जगने का महत्व समझ में आ रहा है । भारतीय प्राचीन समाज में लोग सूर्योदय से पहले ही उठते थे और दीर्घायु होने का वरदान पाते थे। ऊर्जावान भी होते थे। लेकिन आज की आधुनिक समाज में हमारी आदतों को और व्यवहार को पूरी तरह से बिगाड़ दिया है । और हम सभी लोग आज सूर्योदय का आनंद प्राप्त नहीं कर पाते हैं । प्रकृति से धीरे-धीरे हम दूर होते जा रहे हैं । जिस प्रकृति ने हमें जीवन दिया है उसी को नष्ट करने में हम और हमारा आधुनिक समाज आज लग गया है। तो हमें यह सोचने की जरूरत है कि क्या सही में हमारा विकास हो रहा है या नहीं ? इसका मुख्य कारण आधुनिक कल कारखानों ,शहरीकरण , मशीनों से लदे हुए शहर गाड़ियों का शोर ,हवाई जहाज , रेल इंजन का शोर, एक दूसरे देश को आधुनिक बनाने की सोच आधुनिक बनने की सोच ने शहरीकरण को बढ़ावा दिया है । क्या ग्रामीण सभ्यता में विकास कार्य नहीं हो सकता है ? बिल्कुल हो सकता है । आधुनिकीकरण के कारण ही यह प्रदूषण है। प्रदूषण के कारण ही विश्व में जलवायु परिवर्तन हो रहा है । तरह तरह की मानव सभ्यता को परेशानियां हो रही है । जिसका प्रमुख कारण जलवायु परिवर्तन है । जो भारत में 1850 ईसवी के बाद अंग्रेजों के समय से ही कल कारखानों के बनने की प्रक्रिया से भारत में शुरू हुआ । और यूरोप में 1550 ईसवी के बाद से ही इस ने विकराल रूप ले लिया है । आज मानव आबादी 4 अरब से 9 अरब हो गई है । लेकिन पेड़ पौधे और जीव जंतु विलुप्त हो रहे हैं । धीरे-धीरे यह संतुलन बिगड़ रहा है ।इसके लिए हमारी आधुनिक जीवनशैली जिम्मेदार है। अतः हम सभी मानव जाति और मानव सभ्यता को बचाने के लिए जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए क्या कर सकते हैं कृपया सुझाव दें हमें आपके सुझाव का इंतजार रहेगा। धन्यवाद Vank family Kishore Kumar 11/11/2021..............................
.......................English Translation...................... Chhath, the great festival of faith. There is a lot of hustle and bustle at the ghat since 3:00 tonight. All the people slowly their dala and ran and are reaching the ghat with the worshiping materials. A group of youth is present near the pond and the river. All the people are coming from their homes towards the ghat with great enthusiasm. Everyone is waiting for the sunrise. Everyone wants to see the rising sun today after reaching the ghat before the sun. And all those who fast by worshiping the sun, wish to protect their clan and descendants from Chhath Maiya, wishing the family happiness, prosperity and good luck.
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